धोका .प्यार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
धोका .प्यार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
शुक्रवार, 21 सितंबर 2012 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

.फुर्सत में कभी अपने दिल को......

 फुर्सत में कभी अपने  दिल को ,समझाया कीजिये  ,
न खेले किसी के दिल से , इसे नसीहत  तो दीजिये । 

आदत में   है शुमार इसकी, या इसका शौक है ,
कभी-2 पड़ता है महंगा सौदा ,इसे समझाया तो  कीजिये । 

खिलौने की तरह तोड़  दिल ,क्यूँ इतराता है अपने आप पर ,
टूटे दिल जुड़ते हैं बमुश्किल ,ये इससे फरमाया तो कीजिये ।

उजड़ने को  उजड़ जाते हैं ,आबदे -चमन भी इसकी बेवफाई से  ,
इससे कहो  उजड़े चमन में किसी का आशियाँ भी बसाया तो कीजिये    । 

बिलखते  दिलों को देख क्या मिलता है  दिले-सकूं इसको ,
प्रेम -रस की कभी  ठंडी फुहार भी  बरसाया  तो कीजिये  । 

क्यूँ छुड़ा कर हाथ भागता है, किसीसे दूर ये अब ,
'कमलेश 'जो  हैं उलझने दी  इसने, उनको सुलझाया तो कीजिये..
सोमवार, 17 जनवरी 2011 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

अगर हम दुनिया की ......!!!


अगर हम दुनिया की रग पहचान लेते ,
बेवफा दुनिया का क्यों अहसान लेते

अल-मस्त रहते अपनी ही दुनिया में ,
क्यूँ जिन्दगी के बदले मौत का सामान लेते

उनकी तो पहले ही तय थी मंजिल ,
हम तय कर लेते तो क्यूँ नादान कहते

मासूम चेहरे की नफासत में उलझ कर रह गए ,
उठा के पर्दा उनके चेहरे से असलियत जान लेते

''
कमलेश''अब पछताने से क्या क्या होगा फायदा ,
चलो उन लम्हों के सिवा ना था यही मान लेते