किस्मत वफा करे तो क्या बात है..?
किस्मत वफा करे तो क्या बात है..?
रहबर हो साथ ,इस राहे गुजर में ,हो ठंडी हवा और चांदनी रात;
तो क्या बात है ॥?
रफ्ता -रफ्ता चली जा रही है जिन्दगी , बैठ कर साँस लेने का वक्त हो ,
तो क्या बात है ॥?
गुजारिस है किस्मत से बदल ले अपनी डगर ,क्या पता 'वक्त ' बे -वक्त हो मेहरबां ,
तो क्या बात है ॥?
हूँ ''कमलेश '' इस अदा पर फ़िदा ,गर किस्मत फ़िदा -ऐ जिन्दगी हो ,
तो क्या बात है ॥?
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4 comments:
ांअपकी रचना क्या बात है बधाइ
वाह क्या बात है बहुत बढ़िया
वाह साहब!! आपकी रचना और हम पढ़े तो क्या बात है-आनन्द मगन हो जाते हैं.
nice
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