शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

यूँ तो तेरा ही नाम .....!!!





यूँ तो तेरा ही नाम ,  बसा है सबके दिल में ,
होती है तेरी ही चर्चा, दिल जलों की महफ़िल मे। 

तेरी अदा  के मारे  ,जीते हैं न मरते हैं ,
कर  गये कितने कूच , 'ले'हसरतों को दिल में। 


अब न रही कोई ख्वाहिश ,  न बाकि कोई तमन्ना ,
बस  तू  ही तू है ,उनकी नजर की  मंजिल  में। 

कोशिस सभी की है,  बस  जाएँ आँखों में तेरी ,
पर होती नही कोई हलचल, तेरे इस संग-दिल में। 

अब''कमलेश'' क्यों तराशूं  , उनकी यादों के बुत को ,
जब की होती है उन्ही की चर्चा , हर महफिल में।। यूँ तो तेरा .............[० ]



3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!
साझा करने के लिए धन्यवाद!

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह बहुत खूब