जब-जब जनता के लबों पर ताले लगेंगे ,
फिर हर गली में उनको तोड़ने वाले मिलेंगे।
हक है सबको बोलने कोई खैरात नही है ,
छीन ले यह आज़ादी किसी की औकात नही है।
अपनी हद में रह कर सभी अच्छा आचरण करें ,
जो भी हैं आपत्तियां उनका उचित निराकरण करें।
पर न हो जुल्म ;पार्टी' भक्ति के नाम पर ,
हो न काली नजर उनके सही काम पर।
उनकी हदों को भी रोकने वाले मिलेंगे .........जब-जब
जबरदस्ती तो न बैठती चिड़िया किसी डाल पर ,
नही कोई समझौता होगा आजदी के सवाल पर।
अब भी तैयार हैं तमाचा खाने को गाल पर ,
पर दूसरों को भी अपने गाल सहलाने पड़ेंगे ....जब -जब
'कमलेश'हक मांगता है देश कोई भीख नही ,
'हम तो कानून को मानते हैं ,देते कोई सीख नही,
पर अपने लिए भी सही कानून बनाने पड़ेंगे।।।।जब-जब
फिर हर गली में उनको तोड़ने वाले मिलेंगे।
हक है सबको बोलने कोई खैरात नही है ,
छीन ले यह आज़ादी किसी की औकात नही है।
अपनी हद में रह कर सभी अच्छा आचरण करें ,
जो भी हैं आपत्तियां उनका उचित निराकरण करें।
पर न हो जुल्म ;पार्टी' भक्ति के नाम पर ,
हो न काली नजर उनके सही काम पर।
उनकी हदों को भी रोकने वाले मिलेंगे .........जब-जब
जबरदस्ती तो न बैठती चिड़िया किसी डाल पर ,
नही कोई समझौता होगा आजदी के सवाल पर।
अब भी तैयार हैं तमाचा खाने को गाल पर ,
पर दूसरों को भी अपने गाल सहलाने पड़ेंगे ....जब -जब
'कमलेश'हक मांगता है देश कोई भीख नही ,
'हम तो कानून को मानते हैं ,देते कोई सीख नही,
पर अपने लिए भी सही कानून बनाने पड़ेंगे।।।।जब-जब
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