कौन कहता है ! नही गूंजेगी.....!!!अन्ना
कौन कहता है ! नही गूंजेगी आवाज उन बहरे कानो में ,
बन जाएगी सिंह -गर्जना कौतूहल जो था वीरानो में ,
चर्चा जो है छिड़ी हुई अब गली-गली और कूचों में ,
मन्दिर-मस्जिद के साथ -साथ साँची के स्तूपों में ,
नही थमेगा ना थमने देंगे ,जन-मानस की इच्छा को ,
और कठिन बना देंगे उनके[सत्ता]लिये जन- परीक्षा को ,
अब ना फिर चार जून की परिभाषा दोहराई जाएगी ,
क्योंकि अब ना दिन खत्म होगा ,रात्रि कहाँ से आएगी ?
भ्रष्टाचार के खिलाफ ये जन- निर्णायक रण होगा ,
ये सत्ता की हठधर्मी , और अहंकार के कारण होगा ,
आओ बढो आगे होकर गर कल को आज बचाना है ,
नही तो बैठो आँखें मूँद लो गर कायर कहलाना है ,
'कमलेश'नही ''अन्ना'' के बच्चों के भविष्य को खतरा है ,
वो भारत-वर्ष की खातिर ''आमरण -अनशन ''करने उतरा है॥
!! जय हिंद !!
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6 comments:
अच्छी रचना है!
सभी देशवासियों की अन्ना जी को शुभकामनाएँ हैं!
बहुत सुन्दर रचना , बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति
बिलकुल सही कहा आपने।
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ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें!
वाह! एकदम सटीक!!
dil ne kaha anna je ke liye har baat sacchi ho jeet yakinan ho unki jinki aatma sacchi ho. Jaihind
sach mein anna Je anna Hai aap ki abhivaykti acchi hai. Jaihind
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