क्यों ? फिजां में सरगोशियों का, बाज़ार गर्म है ,
कुछ नुमाया हुआ है यहाँ , या दिल का भ्रम है।
हर गली के हर मोड़ पर , होने लगे क्यों चर्चे तेरे ,
है हकीकत !इसमें कुछ या ,ज़माना हुआ बे-शर्म है।
कौन लगाएगा पाबंदियां ,इनकी तल्ख जुबानो पर ,
कोई अदावत नहीं ,फिर ज़माना क्यों हुआ बे-रहम है।
हुआ क्यों? बदनाम ये इश्क ,जिंदगी के हर चौराहे पर ,
इश्क बे-पर्दा हुआ या ,जमाने का ''आशिकों ''पर करम है।
''कमलेश'' खुल के इज़हार करो ,उससे अपने दिल की बात ,
ख़ुदा की नियामत को सिजदा , नही होता कोई जुरम है।।
कुछ नुमाया हुआ है यहाँ , या दिल का भ्रम है।
हर गली के हर मोड़ पर , होने लगे क्यों चर्चे तेरे ,
है हकीकत !इसमें कुछ या ,ज़माना हुआ बे-शर्म है।
कौन लगाएगा पाबंदियां ,इनकी तल्ख जुबानो पर ,
कोई अदावत नहीं ,फिर ज़माना क्यों हुआ बे-रहम है।
हुआ क्यों? बदनाम ये इश्क ,जिंदगी के हर चौराहे पर ,
इश्क बे-पर्दा हुआ या ,जमाने का ''आशिकों ''पर करम है।
''कमलेश'' खुल के इज़हार करो ,उससे अपने दिल की बात ,
ख़ुदा की नियामत को सिजदा , नही होता कोई जुरम है।।
1 comments:
बढ़िया है आदरणीय-
आभार आपका-
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