इन गद्दारों की करतूतों से, क्यूँ नही लहू उबलता है ,
जमा फौलाद है जो सीने में,वो क्यूँ नही पिघलता है ।
क्ब तक इन गद्दारों की कायरता को, अपने सिर पर ढोएंगे ,
क्या फसल केसर की काटेंगे ,जब हम बीज बबूल के बोयेंगे ।
कभी कारण पाकिस्तानी होता, है कभी बहाना बंगलादेशी ?
मगर अफ़सोस है इतना , हमेशा प्यादा होता कोई ''स्वदेशी' ।
पता नही क्या कारण है ,ये अपने क्यों नही बन पाते हैं।
शायद इनकी फितरत है '' यहाँ खाते हैं और वहां की गाते हैं ।
''कमलेश' इन बातों से हम और देश ,बहुत बदनाम होता है
हम 'धर्मनिरपेक्ष ' राष्ट्र है बस इसी बात का मान होता है ..
जमा फौलाद है जो सीने में,वो क्यूँ नही पिघलता है ।
क्ब तक इन गद्दारों की कायरता को, अपने सिर पर ढोएंगे ,
क्या फसल केसर की काटेंगे ,जब हम बीज बबूल के बोयेंगे ।
कभी कारण पाकिस्तानी होता, है कभी बहाना बंगलादेशी ?
मगर अफ़सोस है इतना , हमेशा प्यादा होता कोई ''स्वदेशी' ।
पता नही क्या कारण है ,ये अपने क्यों नही बन पाते हैं।
शायद इनकी फितरत है '' यहाँ खाते हैं और वहां की गाते हैं ।
''कमलेश' इन बातों से हम और देश ,बहुत बदनाम होता है
हम 'धर्मनिरपेक्ष ' राष्ट्र है बस इसी बात का मान होता है ..
1 comments:
सही बात कही है आपने !!
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