शुक्रवार, 22 जनवरी 2010 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

गुलशन वीराने हो गये..!!!

गुलशन वीराने हो गये तेरे जाने के बाद ,
खिली कलियाँ थी जहाँ तेरे आने के बाद

उम्मीद में बैठी है कोयल उसी डाल पर ,
कूह -कूह की तान छेड़ी थी जहाँ तेरे आने के बाद

तितलियों ने कर लिये पंख बंद अपने-अपने ,
नही उड़ सकी वो पंख फड फ्ड़ाने के बाद

फूल उपवन के बिलकुल उदास हो गये ,
नही चटकी कलियाँ रात जाने के बाद

चिड़ियाँ चाहेकेन्गी गुलशन में इक दिन जरूर ,
;कमलेश' फिर आएगी बहार मान जाने के बाद

3 comments:

समय चक्र ने कहा…

बहुत बढ़िया वर्मा जी . अच्छी रचना .. आपका टेम्पलेट देर से खुलता है .....

Rajeysha ने कहा…

कह ही देते लोगों से मेरी दास्‍तान
चुप क्‍यों रह गये मुस्‍कुराने के बाद

Udan Tashtari ने कहा…

फूल उपवन के बिलकुल उदास हो गये ,
नही चटकी कलियाँ रात जाने के बाद

-शानदार!!