देश हमारा कैसा भी है ,
हम तो इसको पूजेंगे ,
जिधर भी देखो प्यारे नारे ,
''जय भारत'' के गूंजेगे ।
चाहे कितनी गरीबी है ,
चाहे कितनी निराशा है ,
पर पहुँच के रहेंगे शिखर पर ,
सारे देश की अभिलाषा है ।
इस मिटटी के हैं वो सपूत ,
जिनका दुनिया लोहा माने ,
पर मेरे देश इक श्रेणी लगी ,
दूजों के गुण गाने ।
गर यहाँ कुछ न अच्छा होता ,
देश कभी का मिट जाता ,
न होती तरक्की किसी ओर ,
दगाबाज पड़ोसियों से पिट जाता ।
कहने को जो कहो मगर ,,
जो है सब दिखता है ,
भारत की प्रगति को पाश्चात्य ,
मीडिया नही ऐसे लिखता है ।
पट्टी उतारो आँखों की ,
अपने चारों ओर निहारो ,
'कमलेश ' प्रगति के पहिये को ,
देखो मेरे प्यारों ॥ जय हिंद
4 comments:
jai hind sir ji
जय हिंद-बेहतरीन!!
देश हमारा कैसा भी है ,
हम तो इसको पूजेंगे ,
जिधर भी देखो प्यारे नारे ,
''जय भारत'' के गूंजेगे ।
जय भारत.....!!
देश हमारा कैसा भी है ,
हम तो इसको पूजेंगे ,
जिधर भी देखो प्यारे नारे ,
''जय भारत'' के गूंजेगे
bahut sahi hai ,kya baat kahi maja aa gaya padhkar
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