क्यों की यह पागलों की बस्ती है !!,
यहाँ जिन्दगी मजबूर नज़र आएगी,
!पर अहसासों की मौत सस्ती है !!नज़र फेर लो ऐ दुनिया वालों ,
तुम्हारी दुनिया अलग बसती है !!टपकता होगा तुम्हारे घरों में पानी,
इधर जख्मों से जिन्दगी रिसती है !!यह शायद तुमको अजीब लगे ”कमलेश ”
पर इसमें भी एक अजीब सी मस्ती है !!!!
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