''नफरत है'' मुझसे जताना ,उनका इक बहाना था ,
छुड़ा कर मेरा पहलू,बेगाने आगोश में जाना था .
कल तक जिनको मेरे बगैर, जीना था ,मुश्किल.
नही ज़रुरत है ' उस गोली का मै ही निशाना था.
न बनाते ख्वाबों की मंजिलें, मुस्तकबिल के मुहाने पर ,.
क्यों करते यूँ ही जाया .,जो वक्त मेरा सुहाना था।
इम्तिहानों के दौर चले कितने ,तुझको पाने के वास्ते ,
वो थी तेरी चाहत ,या महज़ फ़साना था। .
'कमलेश ' की है दरिया दिली ,या उनकी बदनीयत ,
अब ही टूटना अच्छा ,जिसने इक दिन टूट जाना था..
छुड़ा कर मेरा पहलू,बेगाने आगोश में जाना था .
कल तक जिनको मेरे बगैर, जीना था ,मुश्किल.
नही ज़रुरत है ' उस गोली का मै ही निशाना था.
न बनाते ख्वाबों की मंजिलें, मुस्तकबिल के मुहाने पर ,.
क्यों करते यूँ ही जाया .,जो वक्त मेरा सुहाना था।
इम्तिहानों के दौर चले कितने ,तुझको पाने के वास्ते ,
वो थी तेरी चाहत ,या महज़ फ़साना था। .
'कमलेश ' की है दरिया दिली ,या उनकी बदनीयत ,
अब ही टूटना अच्छा ,जिसने इक दिन टूट जाना था..