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मंगलवार, 1 अगस्त 2017 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

इन आंसुओं को ....।।

आंसूओ के मोती ,यूँ जाया  ना करो ,
ये दौलत है कीमती, यूँ बहाया ना करो।

हंसते रहना हमेशा, जिनकी फ़ितरत रही,
उनकी खूबसूरती , बेवज़ह यूँ ही गंवाया ना करो।

इनके गिरने से टूट जाते हैं, रास्ते के पत्थर,
झूठे ज़ज़्बातों के ख़ातिर , पलकों को भिगाया ना करो।

जिन आंखों का गर , सूख चुका हो पानी
उन आंखों से इनको हरगिज़ मिलाया ना करो।

कमलेश' है जहां में अब भी, कीमत इनकी,
तोहफ़ा है कुदरत का ,यूँ ही छलकाया ना करो।।

सोमवार, 14 जून 2010 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

इक बार क्या मिला वो...!!!


इक बार क्या मिला वो ,हर दिल अज़ीज़ हो गया ,
पल दो पल में वो मेरे दिल के, करीब हो गया

अनजान थे जो अब तक, उसके असरार से ,
अंजुमन में हुई जब उसकी आमद, हबीब हो गया

फिजां में ना था कही पे, उसका नामोनिशां ,
है हर शख्श की जुबां पर, यही ''मेरा नसीब हो गया

जो बदनामी के डर से, राहें अपनी बदल गए ,
हैं ! वो बने हम -सफर ,कुछ किस्सा अजीब हो गया

जिंदगी को करीने से, सजा रखी थी हमने ''कमलेश '',
उसने दस्तक दी जब से ,दिले -मंजर बे-तरतीब हो गया है