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गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

कोशिशें तमाम की उनसे...!!

कोशिशें तमाम की उनसे मुलाकात की ,
तासीर --कशिश समझे वो जज्बातकी । .......

गर्दिश में हों सितारे तो ,हर कोशिश नाकाम है ,
जलाते उनकी यादों के दिए ,बीती हर शाम है ,
कभी रौशनी उन तलक पहुंचेगी इस बात की .........

बुझती उम्मीदों को अपनी बाँहों का सहारा दे दो ,
बुझने से पहले जाने का बारीक़ इशारा देदो ,,
कसम है उन लम्हों की ,कसम है तुझे उस रात की ........

मिट जाएगी यह हस्ती ,तेरे दीदारे जुनू में ,
जाएगा जम तेरा नाम दिल के थमते लहू में ,,
पैगामे-दिल जो लिखा तेरे वास्ते ,बहा के ले गयी झड़ी बरसात की ...............


'कमलेश' हसरत बाकी है लबों पर अब तलक ,
गवाही भरतें हैं , जमीं आसमां ओर तारे फलक ,,
मिल जाओ तडपाओ अपने प्यार को ,अब जिद भी है किस बात की ...................