कोशिशें तमाम की उनसे मुलाकात की ,
तासीर -ए-कशिश न समझे वो जज्बातकी । .......गर्दिश में हों सितारे तो ,हर कोशिश नाकाम है ,
जलाते उनकी यादों के दिए ,बीती हर शाम है ,
कभी रौशनी उन तलक पहुंचेगी इस बात की .........
बुझती उम्मीदों को अपनी बाँहों का सहारा दे दो ,
बुझने से पहले आ जाने का बारीक़ इशारा देदो ,,
कसम है उन लम्हों की ,कसम है तुझे उस रात की ........
मिट जाएगी यह हस्ती ,तेरे दीदारे जुनू में ,
जाएगा जम तेरा नाम दिल के थमते लहू में ,,
पैगामे-दिल जो लिखा तेरे वास्ते ,बहा के ले गयी झड़ी बरसात की ...............
'कमलेश' हसरत बाकी है लबों पर अब तलक ,
गवाही भरतें हैं , जमीं आसमां ओर तारे फलक ,,
मिल जाओ न तडपाओ अपने प्यार को ,अब जिद भी है किस बात की ...................