शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

यूँ ही जीवन पथ पर हम ..।।💐

यूँ ही जीवन पथ पर हम चलते रहे।
ग़म ख़ुशी इक साथ मचलते रहे।💐

कभी पाँव  फिसले जब
इस कठिन राह में
कभी फिसलते रहे और सम्भलते रहे।💐

मिले इस सफ़र में कुछ
हमदर्द भी,बेदर्द भी
कभी मिलते रहे, कभी बिछड़ते रहे।💐

महल सपनों के जो
मेरी आँखों में थे
कुछ संवरते रहे ,कुछ बिखरते रहे।💐

कुछ लम्हों ने ज़ख़्म भी दिए
इस कठिन दौड़ में
कभी रिसते रहे ,कभी सिसकते रहे।💐

ज़िंदगी के भंवर में फंसे
रिश्ते इस क़दर
कभी सुलझते रहे ,कभी उलझते रहे।💐

कमलेश' उलझे हैं अब तक
ज़िन्दगी के सवाल से
कभी हंसते रहे  ,कभी फंसते रहे।।💐

💐कमलेश वर्मा 'कमलेश'💐