शनिवार, 17 नवंबर 2018 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

ज़िन्दगी में गुजरे..!!💐💐

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ज़िंदगी में गुजरे
हसीन लम्हों को ,
यूँ ही खो नही सकता।💐

संजो रखे हैं भविष्य के सपने ,
अपनी आँखों में
सपनों भरी  आँखों से,
मैं सो नही सकता।💐

मिल के देखे जो सपने ,
हमने मन की आँखों से,
ये पूँजी प्रेम की है
ये सपने खो नहीं सकता।💐

पहला और आखिरी उद्देश्य,
बस तू ही है
जो तेरा हो ना पाया तो,
किसी का हो नही सकता।।💐

तेरे अहसान की गठरी ,
मेरे सर माथे पर,
ज़माने के अहसानों को अब
कमलेश' ढो नहीं सकता।💐

@कमलेश वर्मा 'कमलेश'💐