मंगलवार, 24 जुलाई 2018 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

गमें जुदाई...।।

गमें जुदाई का मुहब्बत में ,
जब अहसास होता है।

थे कितने कीमती वो
लम्हे,अहसास होता है।

जब सोचते हैं दिल से
तो वो आस पास होता है।

है समाज की बेड़ियां
लगी बन्दिशें ज़माने की,

पर ली है कसम हमने
मुहब्बत को निभाने की,

कमलेश' पाबंदियां तो
ज़माने की रिवायत है,

रिवायते-इश्क़ निभाने का
ये मौका ख़ास होता है।

@कमलेश वर्मा  'कमलेश'