बुधवार, 18 जुलाई 2018 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

ऐसी आंधी तूफानों.....

ऐसी आंधी तूफानों को पहले भी हमने देखा है,
जहां से आते थे तूफां उस जड़ को ही उखाड़ फेंका है।
कितने भी बवंडर आएं ,राजनीति के छेदों से,
विश्वास कितना भी बहता जाए ,बेपेंदी के लोटों से।
सरल ,सजग ,जागृत ,जन मन भारत की माटी का।
सबल ,सजग है संरक्षण करने को, इस देश की थाती का।
मत भूले जग सारा ,मेरी उस महान कहानी को,
मत राणा को भूले, ना भूलें झांसी की रानी को।
भामा,कर्ण की दानवीरता, बलिदान पन्ना धाइ का।
कोई नहीं हिसाब किताब है ,इनकी नेक कमाई का।
ये देश है उन वीर सपूतों का ,जिनका कोई मोल नहीं,
उन जैसी इस जग में ,है कोई चीज अनमोल नहीं।
जिनके दम पर पूरी दुनिया में ,अपना परचम लहराएगा।
जितनी कुत्सित चालें चल ले ,दुश्मन मुंह की खाएगा।
कमलेश' यही तो मेरे देश की अनुपम छटा निराली है।
प्यार,मुहब्बत के फूलों से सजी उपवन की हर डाली है।।