मंगलवार, 8 सितंबर 2009 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

हिन्दी -चीनी ,भाई -भाई .???..??

अरे दोस्तों देखिये ये कैसा है सीन ,
देश की माटी पर लिखा हुआ है चीन ,


अब भी गर बने रहे ,हम माटी और मोम ,
नीरो बजाता रहा बांसुरी ,और जल गया रोम ,


इस बेहूदी बात पर ,अपनाओ तगडा रुख ,
''कमलेश ' बढती जा रही ,इस ड्रैगन की भूख

3 comments:

Asha Joglekar ने कहा…

Bilkul baja farmaya aapne Hum agar sote rahe to Dragon nigal jayega humko aur hume pata bhee na chalega.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

Bahot khoob ....!!

Chin ko ab baaj aa jana chahiye naam likhne se .....!!

hindustani ने कहा…

बहूत अच्छी रचना. कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारे.