जीवन दूभर हो गया इस महंगाई में आज ,
पूरी स्पर्धा कर रहा आलू संग प्याज ।
किसी सब्जी कोहाथ लगाओ लगता है झटका ,
३ -४ किलो आलू प्याज में लगता २०० का फटका ॥
कैसे कोई गरीब झेलेगा महंगाई की मार ,
खुस हो कर आढ़ती कर रहा व्यापार ।
बरसात हुई पुणे में ,पंजाब में बढ़ गए दाम ,
तीन के तेरह जो करते यह उनका है काम ।
इस तरह की मंशा पर रोक लगानी होगी ,
गरीब के बच्चे के मुह की रोटी बचानी होगी ।
इच्छा शक्ति ,दृढ़ निश्चय से हो सकता ये काम ,
''कमलेश'' या तो इन्हे सरकार बचाए ,
या आ इन्हे बचाएं ,खुदा ,यीशु या राम ॥