ये कैसी है शुरुआत इस नव वर्ष में ,
ना मिली कोई अच्छी खबर नव वर्ष में .
जलन महसूस हो रही है इसकी शुरवात में ,
न कोई ताजगी न ठंडक इसके स्पर्श में .
ये सोचने को सोच सकता है कोई भी ,
क्यों मैं ऐसा सोचता हूँ ,नव-वर्ष के उत्कर्ष में .
जब तक न समझ सकें उन हालातों को आप ,
कभी मत जाइये किसी अंतिम निष्कर्ष में .
विश्वास -अतिविश्वास और सम्वेदनाओं को ,
'जिंदगी में नही ' बस रखो विचार विमर्श में .
'कमलेश'खुद दर्द न सहो अब किसी और के लिए ,
दे जायेगा वो 'नासूर' जख्म भरेगा कई वर्ष में .......
ना मिली कोई अच्छी खबर नव वर्ष में .
जलन महसूस हो रही है इसकी शुरवात में ,
न कोई ताजगी न ठंडक इसके स्पर्श में .
ये सोचने को सोच सकता है कोई भी ,
क्यों मैं ऐसा सोचता हूँ ,नव-वर्ष के उत्कर्ष में .
जब तक न समझ सकें उन हालातों को आप ,
कभी मत जाइये किसी अंतिम निष्कर्ष में .
विश्वास -अतिविश्वास और सम्वेदनाओं को ,
'जिंदगी में नही ' बस रखो विचार विमर्श में .
'कमलेश'खुद दर्द न सहो अब किसी और के लिए ,
दे जायेगा वो 'नासूर' जख्म भरेगा कई वर्ष में .......
2 comments:
चिंता जनक -प्रारम्भ ||
सुन्दर प्रस्तुति। सुप्रभात...!
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