बुधवार, 27 जनवरी 2010 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

गुजरे हुए वक्त को...!!!


गुजरे हुए वक्त को भुलाया नही करते ,
दी जिसने हंसी लबों पर, उसे रुलाया नही करते

खुदा की कसम वो जमाना भी खास था ,
उन हसीं लम्हों को यूँ ही भुलाया नही करते

बीते हुए वक्त ने दिए होंगे तुम्हे जख्म भी ,
वक्त बे वक्त सबको जख्म दिखाया नही करते

गुजरे हुए वक्त की नसीहत से सीख लो ,
आने वाले वक्त को इससे मिलाया नही करते

छोड़ दो 'कमलेश' जो तुमको पसंद है ,
काँटों को फूलों के आँचल में सुलाया नही करते

3 comments:

Randhir Singh Suman ने कहा…

आने वाले वक्त को इससे मिलाया नही करते.nice

निर्मला कपिला ने कहा…

गुजरे हुए वक्त को भुलाया नही करते ,
दी जिसने हंसी लबों पर, उसे रुलाया नही करते ।
वाह बहुत खूब पूरी रचना काबिले तारीफ है बधाई

dipayan ने कहा…

बीते हुए वक्त ने दिए होंगे तुम्हे जख्म भी ,
वक्त बे वक्त सबको जख्म दिखाया नही करते ।
बहुत खूब लिखा आपने