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शुक्रवार, 25 सितंबर 2009 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

कौन सी वो बात थी?













कौन सी वो बात थी?जो बताई ना गयी ,
कोशिशें लाख हुईपर छिपाई गयी

गर रख पाते !!पर्देदारी अपनी मुहब्बत की ,
ये रस्म भी उनसे जरा भी निभाई गयी

रस्में -महब्बत हौसले ,का काम है ,
दीवारे-दुनिया हमसे, गिराई गयी ,

दुनिया ख़ुद- -ख़ुद मान लेती ,मेरी चाहत को ,
पर''कमलेश'' कुरबाने -मुहब्बत ,दिखायी गयी