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शनिवार, 19 दिसंबर 2009 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

नही लिखना चाहती कलम ...???

नही लिखना चाहती कलम ,उस फसाने को ,
जो नागवार गुजरा जमाने को ।

फकत हमने तो बस कि थी इल्तिजा ,
न पता था लग जायेंगी ,सदियाँ उसे मनाने को ।

कितनी मुश्किलें आयें इस राहेबर में ,
इंतजार कर लेंगे ता -उम्र उसे पाने को ।

चाहे सूली पर चढ़ा दे जमाना ,
न बे राह कर पायें तूफां,इस दीवाने को ।

उसकी खूबसूरती में मुब्तिला ,''कमलेश'' हैं जनाब ,
करता ही नही दिल ,इस दुनिया से जाने को ॥