गुरुवार, 4 मार्च 2010 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

इश्क ...!!!

दुनिया की नजर में इश्क करना हराम है ?
तभी तो इश्क इतना दुनिया में बदनाम है

कहते हैं इश्क में अँधा है सारा जमाना ,
कौन ? फिर इस को करता इतना बदनाम है

इश्क बिना चलती इस कायनात की रवायतें ,
इश्के-खुदा से रवां दुनिया की हर शाम है

गर खुद जिन्दगी करती है इश्क जिन्दगी से ,
जिसका इश्क में जीना - मरना, इश्क ही काम है .

''कमलेश ''बदनाम करो , इश्क को जमाने में ,
जिसने किया हुआ नाम उसका ,नही तो गुमनाम है

4 comments:

M VERMA ने कहा…

इश्क तो इबादत है

कडुवासच ने कहा…

...चारों ओर इश्क का बोलबाला है ..."खाने मिल गये तो मीठे, नहीं तो अंगूर खट्टे हैं"!!!!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

इश्क बिना न चलती इस कायनात की रवायतें ,
इश्के-खुदा से रवां दुनिया की हर शाम है ।


सच में इश्क तो इबादत है, पूजा है और अर्चना है....

मैं तो हर ओर इश्क ही फैलाता हूँ....

समयचक्र ने कहा…

इश्क तो इबादत है पूजा है...