अजन्मी को दुनिया में आने दो ...!!!
ना मारो कोख में बच्चियों को ,
ऐ रब दे बन्दों अक्ल करो ,
आज के झूठे सुख की खातिर
ना अपने कल को कत्ल करो ,
ना होगी गर ये जन्म-बेल
फिर भविष्य बेल कैसे सरसेगी ;
भाई -बहन की स्नेह वर्षा
कैसे कहाँ फिर बरसेगी ,
ना आएँगी घर में बहुएं
ना कहीं बजेगी शहनाई ,
ना सजेगी राखी ''रखडी'' पर
सूनी रह जाएगी भाई की कलाई,
ना आयेंगे सज के राज कुंवर
चढ़ कर द्वारे घोड़ों पर ,
'कमलेश'बस शून्य ही शून्य होगा
जिन्दगी के आखिरी मोड़ों पर ॥
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