पिता जी की ''अंतिम नसीहत '' -------
आपस में तुम अपने प्यार ,एकता ,ह़र हाल रखना '
बस तुम सब मिलकर 'अपनी माँ का ख्याल रखना '
-- कमलेश
6 comments:
जरूर ख्याल ऱखेंगे जी
bilkul...
जी बिल्कुल।
मेरी निंदिया है मां, तेरे आंचल में,
तू शीतल छाया है, दुख के इस जंगल में...
जय हिंद...
पिताजी की नसीहत जायज है
खयाल रखना ही होगा
सुन्दर रचना!
मातृ-दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
ममतामयी माँ को प्रणाम!
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