दुनिया की नजर में इश्क करना हराम है ?
तभी तो इश्क इतना दुनिया में बदनाम है ।
कहते हैं इश्क में अँधा है सारा जमाना ,
कौन ? फिर इस को करता इतना बदनाम है ।
इश्क बिना न चलती इस कायनात की रवायतें ,
इश्के-खुदा से रवां दुनिया की हर शाम है ।
गर खुद जिन्दगी करती है इश्क जिन्दगी से ,
जिसका इश्क में जीना - मरना, इश्क ही काम है .
''कमलेश ''बदनाम करो न, इश्क को जमाने में ,
जिसने किया हुआ नाम उसका ,नही तो गुमनाम है ॥
4 comments:
इश्क तो इबादत है
...चारों ओर इश्क का बोलबाला है ..."खाने मिल गये तो मीठे, नहीं तो अंगूर खट्टे हैं"!!!!
इश्क बिना न चलती इस कायनात की रवायतें ,
इश्के-खुदा से रवां दुनिया की हर शाम है ।
सच में इश्क तो इबादत है, पूजा है और अर्चना है....
मैं तो हर ओर इश्क ही फैलाता हूँ....
इश्क तो इबादत है पूजा है...
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