मंगलवार, 15 सितंबर 2009 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

आँख खुलेगी कब !!!?


जिस तरह के हालत बने हैं अब ,

आकाओं की इस देश की
आँख खुलेगी कब,।

गिद्ध दृष्ट से ताकते ,चीन अन्य और पाक ,
भारत माँ के पल्लू को खीचने की ताक,

कब सहेगा आख़िर ,भारत इनकी की करतूतों को ,
वार्ता -शार्ता से आए अक्ल ,इन लातों के भूतों को ,

सबक सिखाना होगा बनी ,
जो चौकडी -चांडालों की ,
आग लगो दो इनकी दुनिया में ,
बसा जो रखी ख्यालों की

,
नही चलेगी अब ६२ वाली गद्दारी ,
बदले' एक 'के इक्यावन ,मोड़ने की अब बारी,।

ज्यादा धैर्यवान होना ,निर्बलता दर्शाता है ,
कमलेश 'तभी तो हर कोई आँख दिखाता है

2 comments:

ओम आर्य ने कहा…

वाह बहुत खुब कही आपने ........नतमस्तक

संगीता पुरी ने कहा…

सटीक बात कही है !!