मंगलवार, 2 अक्तूबर 2012 | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

गाँधी जयंती -2012 पर ..

आओ गाँधी जी को याद करें ,फिर जाने कब फुर्सत होगी ,
 फोटो उठा   कर ले आयेंगे फिर, जब कभी जरूरत होगी. 

फूल चढाओ ,फोटो खिंचाओ ,और छपवाओ अख़बारों में ,
अल-सुबह अखबारों मेरी  आगे, पीछे बापू की मूरत होगी . 

कसमे खाने सरकार बनाने में पता नही, बापू क्यों जरूरी  है ,
'अच्छा ' सम्विधान में  लिखा है , तभी इनकी  ये मजबूरी है ....

बापू के बोल-वचन  सब बंद  हो गये , उनकी लिखी किताबों में  .....
  नही कहीं सामंजस्य बैठता है उनके  'सत्ता'के हिसाबों  में ....

फिर कभी तुम बापू  मत आना, सब मिल ये फरियाद करें ...
कमलेश 'जिनको ''बापू'' प्यारे हों, वो प्यार से उनको याद  करें .

1 comments:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत सुंदर कविता ..बापू को नमन