मेरे दिल की बात....सीधा दिल से....आप तक!!!
शिद्दत से आई तेरी याद ,
हवा चलने लगी ,
सर्द बाँहों के अहसास से ,
बर्फ पिघलने लगी .
कुछ पल रहा दिल को यकीं ,पर हकीकत ,खलने लगी ,
जिस को समझ बैठे ,अपना ,उठा के वो सामां, चलने लगी ॥
जिस को समझ बैठे ,अपना ,उठा के वो सामां, चलने लगी वाह बहुत बढ़िया!
बहुतखूब!
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2 comments:
जिस को समझ बैठे ,अपना ,
उठा के वो सामां, चलने लगी
वाह बहुत बढ़िया!
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