वक्त तू ही बता ...!!!
ए वक्त तू ही बता दे ,ये तुने क्या किया ,
यादों को समेटने का ,भी वक्त ना दिया ।
कर लेते गुजरा हम यूँ ही ,'
चले हो तुम 'इशारा भी ना किया ।
सही -सलामत देख मुस्करा रहे हो तुम ,
बाद तेरे न पूछा 'मैं ' कैसे जिया ।
आंच न आये कोई ज़माने की तेरे ऊपर ,
तेरी उलझनों को खुद अपने उपर लिया है ।
तू बे-रहम बे-मुरव्वत है सुना था कभी ,
मगर तुने सब मेरे ही साथ क्यों किया ।
''कमलेश'कद्र करें वक्त की हमेशा सभी ,
क्यूँ की वक्त ने मौत को न वक्त दिया ॥
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