..पोस्टो के शतक का सफर..और मैं! और आप सभी का आशीर्वाद ..!!. .
आदरणीय ब्लॉगर भाइयों .बहनों ..कमलेश वर्मा का आप सभी को सादर प्रणाम ,नमस्कार एवम आशीर्वाद ......आज आप लोगों के अपार स्नेह एवम भावपूर्ण मार्ग दर्शन में मै भी उस मुकाम पर आ गया हूँ ,जहाँ पर इस विधा या इस क्षेत्र से सम्बन्ध न रखते हुए भी अपने आप को किसी न किसी जगह आप लोगों के साथ चलता पाता हूँ कहने का तात्पर्य यह है ,जब मै इस ब्लॉग्गिंग के बारे में मुझे कुछ नही पता था ,मेरा छोटा बेटा{रवि वर्मा } जो की बी.डी .एस .का छात्र है ,की पहल पर सबसे पहले हमने वर्ड प्रेस पर एक ब्लॉग ''मेरी भी सुनो '' की शुरवात जुलाई ०९ में की ,शरू में काफी उत्शुकता रहती ,आप लोगों के लेख कवितायेँ जब हम पढ़ते .मन में आता की अगर मै कुछ लिखूं ,तो क्या लोग पसंद करेंगे भी की नही ,,परन्तु वाह ''ब्लॉग्गिंग ''की दुनिया .यहाँ ;आप आओ तो सही; ,स्वागत के लिये ऐसे तैयार बैठे होते हैं ,जैसे कोई स्वागत कमेटी बना रखी हो...मैंने हिम्मत करके एक रचना ''चण्डीगढ़ में एक अजूबा '' करके पोस्ट डाली ...पोस्ट करने के के बाद..जब पहली टिप्पणी आयी उसको पढ़ कर जिस सुख अनुभव हुआ ..वो आज तक याद है .11 ''रवि रतलामी जी ,संगीता पुरी जी ,वाणी जी अमित जैन जी ,मयूर जी ,इन सब लोगों मेरा जिन शब्दों से उत्साह बढ़ाया ,तो मन को लगा .सही जगह पर ही आया हूँ ,फिर जो सिलसिला शरू हुआ .तो ब्लागस्पाट पर जा कर अपने नाम से ही ''के.सी .वर्मा ''ब्लॉग बना कर आप लोगों को जो भी मन को अच्छा लगा लिख कर ,आप लोगों के सामने रखता रहा हूँ ..कालान्तर और वरिष्ट भाइयों ने लेखन की कमियों की तरफ ध्यान ही नही दिलाया अपितु उस रचना की मौलिकता को और सवांरने में अपना योगदान पाया जिनमे प्रमुख रूप से हमारे अजीज ''श्यामल सुमन जी '' पदम् सिंह जी ,समीर लाल जी .रवि कुमार जी ,ऍम.वर्मा जी अन्य महानुभावों ने काफी सहयोग एवम प्यारदिया...आज१००वी पोस्ट को लिखने के लिये समझ में नही आ रहा था क्या लिखें क्योंकि .मै विधा में इतना नया हूँ ,फिर भी जब यहाँ किसी भी प्रयत्न को जब सराहा जाता है ,तो विश्वास नही..होता !लेकिन इस दुनिया का कोई जवाब नहीं !.अब तो हमारे इतने मित्र हैं की ..सोच भी नही सकते ....कितने महान और विद्वानों का सानिध्य प्राप्त हो रहा है ...बस आप लोगों का स्नेह बना रहे ...और अगर कोई मुझे कीसी भी तरह की सलाह देना चाहे ..सदा स्वागत है ..धन्यवाद के साथ इक बार फिर प्रेम प्यार एवम स्नेह नए रखने की अपील के साथ .आपका ...कमलेश वर्मा ...
कैसे हसीं पल देखो ,मिले मेरी जिन्दगी को
उसकी वरगाह में ,हाथ जुड़े बन्दगी को ।
यह वह मुकाम है जो कुछ को नसीब है
बरसों गुजर गये ,उसकी रजा -मन्दगी को ।
बरकत वहीं पर बरसे ,जहाँ मिल के दो दिल हरसे
अब भी पाक -साफ कर लो ,दिल की गंदगी को।
कुदरत का इक करिश्मा है ,जो मिले हैं हम सब
फुर्सत कहाँ यहाँ जो ,रोज मिले हम जिंदगी को ।
करते हैं ''कमलेश'' सब इक दूजे की वाह-वाह !
नही दी जगह दिल में ,किसी ने ना -पसंदगी को .!!
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9 comments:
बहुत बहुत बधाई
आप सचिन का रिकार्ड तोड़ें
इतने शतक लगाएं
शु्भकामनाएं
आशीर्वाद है !
बहुत बहुत बधाई
सौ वी पोस्ट पूरे होने पर आपको हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
उम्दा सोच पर आधारित प्रस्तुती के लिए धन्यवाद / ऐसे ही सोच की आज देश को जरूरत है / बहुत-बहुत बधाई जो आपने ब्लॉग की शतकीय पारी खेली,आशा है सार्थक सोच के साथ देश और समाज में बदलाव पर लिखते हुए आप दोहरा शतक भी बनायेंगे / आप ब्लॉग को एक समानांतर मिडिया के रूप में स्थापित करने में अपनी उम्दा सोच और सार्थकता का प्रयोग हमेशा करते रहेंगे,ऐसी हमारी आशा है / आप निचे दिए पोस्ट के पते पर जाकर, १०० शब्दों में देश हित में अपने विचार कृपा कर जरूर व्यक्त करें /उम्दा विचारों को सम्मानित करने की भी व्यवस्था है /
http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html
सौ वी पोस्ट पूरे होने पर आपको हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
वाह शतक वीर!! बस अब शतक पर शतक लगाते चलो!!
विवेक सिंह का आशार्वाद मिल ही चुका है तो हजारवीं पोस्ट भी जल्द ही देखेंगे.
बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ.
बधाई कमलेश जी..भगवान से यही प्रार्थना है आप हज़ारों,लाखों पोस्टों से ब्लॉग शिखर को छुए...बधाई
१०० वीं पोस्ट के लिए बधाई ....शुभकामनायें
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