जब -जब इस दिल को ,
तेरा ख्याल आया ।
तब -तब ज़माने की आंखों में,
रंग लाल आया ।
कोशिस की थी,हमने ,
न रुसवा हो इश्क मेरा ।
पर हजारों नजरों से,
''एक ही सवाल आया ''।
जो किया था मैंने ,
वो क्या गुनाह था ?
लेकर शमशीर हर कोई,
करने ''हलाल'' आया ।
''कमलेश'' क्या वजूद है ,
इन रस्मों -रिवाज का ,
प्यार करना' कुफ्र है,
,तभी तो ये भूचाल आया ,॥
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