मुद्दतों से तेरी राहे बरी का इंतजार है,
परेशान नहीं हूँ बिलकुल यही प्यार है।।
परेशान नहीं हूँ बिलकुल यही प्यार है।।
प्यार की इमारत बुलंद है जिस नींव पर,
जिसमे ना कोई शक की इक भी दरार है।।
जिसमे ना कोई शक की इक भी दरार है।।
ले आई है चाहतों की कश्ती मझधार में,
मुस्तकबिल है वाबस्ता किस्मत की पतवार है ।।
मुस्तकबिल है वाबस्ता किस्मत की पतवार है ।।
कमलेश"इस दिल की खाशियत है यही,
कभी नाशाद है.....कभी बेकरार है ।।
कभी नाशाद है.....कभी बेकरार है ।।
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