यूँ ही जीवन पथ पर हम चलते रहे।
ग़म ख़ुशी इक साथ मचलते रहे।💐
कभी पाँव फिसले जब
इस कठिन राह में
कभी फिसलते रहे और सम्भलते रहे।💐
मिले इस सफ़र में कुछ
हमदर्द भी,बेदर्द भी
कभी मिलते रहे, कभी बिछड़ते रहे।💐
महल सपनों के जो
मेरी आँखों में थे
कुछ संवरते रहे ,कुछ बिखरते रहे।💐
कुछ लम्हों ने ज़ख़्म भी दिए
इस कठिन दौड़ में
कभी रिसते रहे ,कभी सिसकते रहे।💐
ज़िंदगी के भंवर में फंसे
रिश्ते इस क़दर
कभी सुलझते रहे ,कभी उलझते रहे।💐
कमलेश' उलझे हैं अब तक
ज़िन्दगी के सवाल से
कभी हंसते रहे ,कभी फंसते रहे।।💐
💐कमलेश वर्मा 'कमलेश'💐
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