सबको हिन्दी से हिन्दी को सबसे है पूरी आशा ,
फूले-फले दिन-रात चौगुनी ,जन-मानस की ये भाषा ।🌹
निहित है इसमें पूरे,देश राष्ट्र -धर्म की मर्यादा ,
जितना इसका मंथन होता ,बढ़े ज्ञान अमृत ज्यादा ।🌹
बदल रहें इसके कार्य -क्षेत्र ,बदल रही है परिभाषा,
आभाषी मन मचल रहे हैं ,ले एक नयी मन में जिज्ञाषा 🌹
इसमें समाहित है महा-कुम्भ ,रस, श्रृंगारों,भावों और छंदों का ,
हर शंकाओं-आशंकाओं का समाधान,मन के अन्त्रद्व्न्धों का ।🌹
हर भाषा है महान ,साहित्यिक
गौरव की समृधि है ,
परंतु 'कमलेश' हर भाषा की सिरमौर ,
मेरी मां- बोली ''हिन्दी'' है ॥🌹🌹
🌹कमलेश वर्मा *कमलेश*🌹
आपको हिंदी दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं|
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस पर
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोचक और विश्लेष्णात्मक पोस्ट
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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जय हिंद जय हिंदी राष्ट्र भाषा
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएं--
हिन्दी भाषा का दिवस, बना दिखावा आज।
अंग्रेजी रँग में रँगा, पूरा देश-समाज।१।
हिन्दी-डे कहने लगे, अंग्रेजी के भक्त।
निज भाषा से हो रहे, अपने लोग विरक्त।२।
बिन श्रद्धा के आज हम, मना रहे हैं श्राद्ध।
घर-घर बढ़ती जा रही, अंग्रेजी निर्बाध।३।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-12-2017) को
जवाब देंहटाएं"लाचार हुआ सारा समाज" (चर्चा अंक-2820)
पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'