के.सी.वर्मा ''कमलेश''

मेरे दिल की बात....सीधा दिल से....आप तक!!!

Pages

  • मुख्यपृष्ठ
बुधवार, 3 दिसंबर 2014 at 5:58:00 pm | By: कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹

ग़र मुंशिफ़ों का शहर होता...||

इसे ईमेल करें इसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करें Facebook पर शेयर करें

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom)

Blog Archive

{ MEHMAAN-DAARI }

Blogger द्वारा संचालित.

Menu

  • AAPKIAANKHEN
  • TECHRAVI
  • jhankar tarang
  • meribhisuno
Page Rank Check www.hamarivani.com

Facebook बैज

Kamlesh Bhagwati Parsad Verma | अपना बैज बनाएं

{ LIVE -MEHMAAN-DAARI }


लोकप्रिय पोस्ट

  • वाह !! समीर भाई (उड़नतश्तरी) साहब ?क्या बात है !
    आज के ज़मानेमें हमारे समीर भाई साहब जैसे कुछ ही आत्माएं इस धरती पर मिलेंगी ,जो इस काल के अनुरूपअपनी रचनाओं में अपनी कथा वास्तु का सिलेक्शन इ...
  • '200''वीं पोस्ट ..// ''आ गयी दोस्त ''...!!!
    '' अब तक आप लोगों के आशीर्वाद एवम प्यार की अनछुए स्पर्श को महसूस कर  के अच्छी -बुरी जो मेरी योग्यता थी ,अपनी कलम से लिखता गया ,कु...
  • काश ! कोई न इस दिल से खेले..!!!
    काश ! कोई न इस दिल से खेले , जिन्दगी के बदले चाहे जान लेले । वो दर्द जो सहा नही जाता , जुबां से तो क्या ? इशारों से ...
  • जब निकले तेरी गली से.....।।।
    जब निकले तेरी गली से दिल में ख्याल आया। आता था कभी नज़र चाँद के टुकड़े का साया ।। बरबस नजरें अब भी ढूंढती है तुमको पर वीरान सी खिड़की को...
  • पिता बिना नही मिलता जीवन, ..!!
    पिता बिना नही मिलता जीवन , न मिलती पहचान , पिर्तु बिना ना मिलती जग में , आन - बान और शान ॥ पिता हमारे - तुम्हारे दोष - ग...
  • जब-जब जनता के लबों पर...!! IAC SUPPORT
    जब-जब जनता के  लबों पर ताले लगेंगे , फिर हर गली में उनको तोड़ने वाले मिलेंगे।  हक है सबको  बोलने कोई खैरात नही है , छीन ले यह आज़ादी कि...
  • जिन्दगी के सफर में ऐसा....!!!
    जिन्दगी के सफर में ऐसा मुकाम आया है, जिन्दगी ने खोया ही है न कुछ पाया है।  हैरान हैं फिजायें वक्त का  मंजर देख कर, हैरान हैं हम हवाओं...
  • आंखे जो दिख रही हैं🏵️🌺🌹
    आंखे थोड़ी थोड़ी सी जो, दिख रही हैं, चाहत की इक नई दास्तां, लिख रही हैं।। शरारत भरी तो थी पहले से इनमें बस आये अमल में कैसे ...
  • हिन्दी भाषा के मानस ......
    आप सभी के ब्लॉग जितने भी पढ़ सका हूँ , उसमे से यही भावः उभर कर आया है , हम सभी हिंदी भाषा के प्रति समर्पण का भावः रख...
  • तेरे शहर के....🌹❤️🦋🇮🇳
    तेरे शहर के परिंदे भी बेवफ़ा निकले तुम तो निकले पर ये बे वजह निकले।। छोड़ दी हमने तेरे मुहल्ले की वो गली, ये तुम्हारे खैरख्वाह हर जगह निकले।। ...

लिखिए अपनी भाषा में

मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

{ JAGTE-RAHO}

MyFreeCopyright.com Registered & Protected
Copyright © 2010 - के.सी.वर्मा ''कमलेश'' - is proudly powered by Blogger.
Theme Design: RayThemz.