निगाहों में तेरी सूरत ..!!
आज भी तेरी प्यारी सूरत निगाहों में बसी है ,
लगाई थी जो प्यार की मेहंदी , हाथों में रची है !
सुर्ख होठों पर सजी मोहक सी ,मुस्कान तेरी ,
लगे ऐसे गुलाबों में लड़ी, मोती की फंसी है !
जो भी देखे तेरी उडती ,जुल्फों का नजारा ,
लगे बदली बादलों की, लहरों में फंसी है !
तेरी वो कातिल अदा बना देती, मुझे दीवाना ,
पागल करने की मुझे जैसे, तूने कमर कसी है !
तेरे चेहरे की मासूमियत और, तेरा भोलापन ,
हर वक्त यह याद करने में ''कमलेश ''की ख़ुशी है !!
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3 comments:
सुर्ख होठों पर सजी मोहक सी ,मुस्कान तेरी ,
लगे ऐसे गुलाबों में लड़ी, मोती की फंसी है !
.....बहुत सुन्दर !!!!
तेरी वो कातिल अदा बना देती, मुझे दीवाना ,
पागल करने की मुझे जैसे, तूने कमर कसी है !
बहुत खूब!
वाह वाह! बहुत खूब जी...
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