कहने को सब यहाँ,अपने खास -म खास ,
रिश्ते हैं ये मतलब के बाकी सब बकवास ॥
मतलब हो तो ''तुम ''भी ''आप '' होजाता है ,
नही तो रिश्ता रिसते-रिसते रिस जाता है ॥
मतलब होतो खून का कोई नही है भेद ,
नही तो अपना खून भी हो जाय सफ़ेद ॥
मतलब हो तो दिख जाए हो चाहे जितनी दूर ,
पलकों के नीचे न दिखे ,लाख कोशिस करो हजूर ॥
'' कमलेश'' मतलब से न करो ,प्यार प्रेम परिहास ,
मत ''लब '' खोलो फालतू ,जहाँ हो अति विस्वास ॥
1 comments:
मतलब होतो खून का कोई नही है भेद ,
नही तो अपना खून भी हो जाय सफ़ेद ॥
अच्छे भाव की प्रस्तुति। मैं भी आपके भाव समर्थन में कुछ यूँ कहना चाहता हूँ-
खून के रिश्ते खूनी रिश्ते।
बन जाते हैं रिसते रिसते।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
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