खूब खिलाओ खूब पिलाओ,खुश होता इन्सान ,दिन भर खूब भूखों मरो खुस होता भगवान ।
भूखे रह करो भजन ,मन में हो खूब श्रद्धा ,इस प्रकार की भक्ति की ,है अपने यहाँ प्रथा ।
आज घर -घर जग मगा रही सुन्दरता की जोत ,सुहागिनों का है परम पर्व ''करवा चौथ ''॥
पूरे वर्ष जिनका रहा ''कमलेश ''इक छत्र राज ,इक दिन के लिए उनका छिन जाएगा आज ॥
आज पती परमेश्वर होगा ,उसकी होगी पूजा ,आज -२तक ठीक है ,दिन न आवे दूजा ॥
2 comments:
achha likh ahai sir... badhai
http://dunalee.blogspot.com/
बहुत बहुत ही सुन्दर भाव .......बधाई!
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