मुझको न मिलो तुम ,कोई गम नही॥
तुम्हारे पास होने का अहसास ,मिलने से कम नही ,,
तुम कहीं भी हो हवाएं ,बता जाती हैं हाल तेरा ,,
तुम्हे मिलने की आरजू में ,कट गया साल मेरा ,,
बिछूड़ने का दर्दे गम,बयाँ क्या करें ?
निकलता ही नही,दिल से ख्याल तेरा ,
'नही मिले थे तो अच्छे थे'
कैसे कह दूँ ?दुरुस्त है ''मलाल'' तेरा ,,
''कमलेश''सोच कर देखो ,उन बद नसीबों का ,
जिनसे कोई पूछता ही नही ,''क्या है हाल तेरा ''
2 comments:
तुम्हे मिलने की आरजू में ,
कट गया साल मेरा ,,
वक्त, साल काटने के लिये एक आरजू तो चाहिये ही
तुम्हारे पास होने का अहसास ,
मिलने से कम नही ,,
यह एहसास ही तो है जो आदमी को विपरीत परिस्थियों में भी जिन्दगी देती है.
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