ये ख्याले दिल ..!!!क्यूँ आया ना
ये ख्याले दिल
क्यूँ ? आया न कभी ;
कोई इस दिल को
क्यूँ ? भाया न कभी;
शिकवा रहेगा सदा
''दिल '' से 'ख्याल' को ;
क्यूँ ? न इस ने कहीं
दिल लगाया कभी ;
देर न हो जाए कहीं
कर गुनाह ले तू यहीं,
न करे शिकवा कोई दिल
क्यूँ ? तड़पाया ना कभी ;
''कमलेश'' ये बात है दिल की
लाख कोशिश की पर
जुबां पर लाया ना कभी॥ ;
ये ख्याले दिल क्यूँ आया न कभी .........
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3 comments:
बहुत ही उम्दा व दिल से लिखी गयी लाजवाब रचना। बहुत-बहुत बधाई.....
बहुत खूब कमलेश भाई!! जारी रहो!!
अच्छा है ...ये ख्याल आया ना कभी ...दिलजलों से पूछ कर देखिये ...!!
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